हिंदू धर्म की विविध परंपराओं में मनाए जाने वाले असंख्य देवताओं में से, धन, समृद्धि और दिव्य आशीर्वाद देने वाली देवी लक्ष्मी माता, लाखों लोगों के लिए आशा और प्रेरणा की किरण के रूप में खड़ी हैं। जैसे ही हवा में हल्की धूप फैलती है, और लयबद्ध मंत्र सामंजस्यपूर्ण स्वर में गूंजते हैं, भक्त "लक्ष्मी जी की आरती" (Laxmi Ji Ki Aarti) करने के लिए एक साथ आते हैं, जो परोपकारी देवता के प्रति श्रद्धा की एक शाश्वत अभिव्यक्ति है।
भक्ति के छंदों के माध्यम से इस मनमोहक यात्रा में, हम "लक्ष्मी माता की आरती" की समृद्ध टेपेस्ट्री में उतरते हैं, यह पवित्र भजन आरती, जो अपने उत्साही उपासकों के जीवन में लक्ष्मी जी की उज्ज्वल उपस्थिति का जश्न मनाता है। आध्यात्मिक ज्ञान पर अटूट ध्यान देने और भारत के हृदय में पाए जाने वाले गीतात्मक सौंदर्य की खोज के साथ, हम इस दिव्य संबंध के सार को उजागर करने के लिए एक यात्रा पर निकल पड़े हैं।
यह लेख, लक्ष्मी माता आरती की दुनिया के लिए आपका पोर्टल है, जहां हम आपको हिंदी में भावपूर्ण गीत प्रस्तुत करेंगे । इसलिए, जैसे ही हम ज्ञान का दीपक जलाते हैं और भक्ति के केंद्र तक अपनी यात्रा शुरू करते हैं, आइए "लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स" (Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics) की चमकदार कृपा को अपनाएं और समय और परंपरा से परे दिव्य उपस्थिति का अनुभव करें।
Song Deails :
On Jai Laxmi Mata Lyrics - Laxmi Ji Ki Aarti In Hindi
लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदीन सेवत,
हरी विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा रमा ब्राह्मणि,
तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
रिद्धि सिद्धि धन पता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पटल निवासिनी,
तुम ही शुभदाता।
कर्मा प्रभाव प्रकाशिनी,
भवनिधी की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहती,
सब सदगुण आता।
सब संभव हो जाता,
मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते,
वस्त्र न कोई पता।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ गन मन्दिर सूंदर,
क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मी जि की आरती,
जो कोई जन गाता।
उर आनंद समाता,
पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
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